Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_248d063b9ec1ad48aede65f77fac9ece, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
दिल-ए-बे-क़रार चला तो था गिला-ए-हयात लिए हुए - मुग़ीसुद्दीन फ़रीदी कविता - Darsaal

दिल-ए-बे-क़रार चला तो था गिला-ए-हयात लिए हुए

दिल-ए-बे-क़रार चला तो था गिला-ए-हयात लिए हुए

ग़म-ए-इश्क़ रूह पे छा गया ग़म-ए-काएनात लिए हुए

कभी बे-इरादा छलक गई थी किसी के ज़िक्र पे चश्म-ए-नम

वो हैं मुझ से आज भी बद-गुमाँ वही एक बात लिए हुए

मिरे दिल के साथ ही छीन ले मिरी ख़ुद-शनास निगाह भी

मैं तिरे क़रीब न आऊँगा ये तवहहुमात लिए हुए

कभी तुझ पे अपना गुमान है कभी ख़ुद पे तेरा गुमान है

मिरे किर्दगार कहाँ रहूँ ये तसव्वुरात लिए हुए

शब-ए-इंतिज़ार के ब'अद फिर न हुई तुलू कोई सहर

मिरी उम्र सारी गुज़र गई यही एक रात लिए हुए

तुझे नाज़-ए-ज़ब्त बजा सही मगर ऐ 'फ़रीदी'-ए-सादा-दिल

कोई चश्म-ए-शोला-मिज़ाज है तिरे दिल की बात लिए हुए

(564) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue In Hindi By Famous Poet Moghisuddin Fareedi. Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue is written by Moghisuddin Fareedi. Complete Poem Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue in Hindi by Moghisuddin Fareedi. Download free Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue Poem for Youth in PDF. Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue is a Poem on Inspiration for young students. Share Dil-e-be-qarar Chala To Tha Gila-e-hayat Liye Hue with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.