Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_eb892b4b76446968e04a6ca6253769ee, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इक ज़रूरत है जो तहवील तक आ पहुँची है - मिस्दाक़ आज़मी कविता - Darsaal

इक ज़रूरत है जो तहवील तक आ पहुँची है

इक ज़रूरत है जो तहवील तक आ पहुँची है

हर हक़ीक़त यहाँ तमसील तक आ पहुँची है

अब उख़ुव्वत पे भरोसा नहीं करती दुनिया

आगही निय्यत-ए-क़ाबील तक आ पहुँची है

ऐ मिरे मूनिस ओ ग़म-ख़्वार मुझे मरने दे

बात अब हुक्म की तामील तक आ पहुँची है

अब सुख़न-वर ही नहीं ख़ुद को मुसव्विर लिखिए

शायरी अब फ़न-ए-तश्कील तक आ पहुँची है

कोशिश-ए-अम्न-ओ-अमान में ही यहाँ लोगों की

ज़िंदगी शोरिश-ए-तावील तक आ पहुँची है

बे-हिसी देखिए इस दौर के इंसानों की

जिस्म क्या रूह की तहलील तक आ पहुँची है

फ़िक्र-ए-'मिस्दाक़' ने है ख़ास मसाफ़त कर ली

आप की आँख भी इस झील तक आ पहुँची है

(601) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai In Hindi By Famous Poet Misdaque Azmi. Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai is written by Misdaque Azmi. Complete Poem Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai in Hindi by Misdaque Azmi. Download free Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai Poem for Youth in PDF. Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Ek Zarurat Hai Jo Tahwil Tak Aa Pahunchi Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.