Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_efbb2ef17d706191358a7c9044291b50, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
वो बिछड़ा है तो याद आया - मीसम अली आग़ा कविता - Darsaal

वो बिछड़ा है तो याद आया

वो बिछड़ा है तो याद आया

वो अक्सर मुझ से कहता था

मोहब्बत वो नहीं है जो ये नस्ल-ए-नौ समझती है

ये पहरों फ़ोन पर बातें

ये आए दिन मुलाक़ातें

अगर ये सब मोहब्बत है

तो तुफ़ ऐसी मोहब्बत पर

मोहब्बत तो मोहब्बत है

विसाल ओ वस्ल की ख़्वाहिश से बाला-तर

कहा करता

मोहब्बत क़ुर्ब की ख़्वाहिश पे आए तो समझ लेना

हवस ने सर उठाया है

हवस क्या है

फ़क़त जिस्मों की पामाली फ़क़त तज़लील रूहों की

कहा करता मोहब्बत और होती है

हवस कुछ और होती है

सौ जब भी क़ुर्ब की ख़्वाहिश पे आ जाए मोहब्बत तो

सुनो फिर देर मत करना वहीं रस्ता बदल लेना

वो बछड़ा है तो याद आया

(1946) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya In Hindi By Famous Poet Misam Ali Aagha. Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya is written by Misam Ali Aagha. Complete Poem Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya in Hindi by Misam Ali Aagha. Download free Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya Poem for Youth in PDF. Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya is a Poem on Inspiration for young students. Share Wo BichhDa Hai To Yaad Aaya with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.