Ghazals of Mirzaa Qurbaan Alii Beg Saalik
नाम | मिर्ज़ा क़ुर्बान अली बेग सालिक |
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अंग्रेज़ी नाम | Mirzaa Qurbaan Alii Beg Saalik |
वो ज़ेब-ए-शबिस्ताँ हुआ चाहता है
वाइ'ज़ मिलेगी ख़ुल्द में कब इस क़दर शराब
तिरा आना गर ऐ रश्क-ए-मसीहा हो नहीं सकता
अच्छी निभी बुतान-ए-सितम-आश्ना के साथ