Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_0db4552028662e5cfe68ba6fbb68765e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
किस मुँह से करूँ मैं तन-ए-उर्यां की शिकायत - मिर्ज़ा मायल देहलवी कविता - Darsaal

किस मुँह से करूँ मैं तन-ए-उर्यां की शिकायत

किस मुँह से करूँ मैं तन-ए-उर्यां की शिकायत

दामाँ की शिकायत न गरेबाँ की शिकायत

कैसा ही खटकता रहे दिल में मिरे पैकाँ

मुझ से तो न होगी कभी मेहमाँ की शिकायत

इतना भी तग़ाफ़ुल नहीं अच्छा कहीं तुम को

करनी न पड़े शोरिश-ए-पिन्हाँ की शिकायत

अल्लाह रखे मिरे तसव्वुर को सलामत

तुझ को तो नहीं है शब-ए-हिज्राँ की शिकायत

हों लंग मगर वाक़िफ़-ए-आदाब-ए-जुनूँ हूँ

मैं कुफ़्र समझता हूँ बयाबाँ की शिकायत

कहती है तिरी चश्म की गर्दिश मिरे होते

कोई न करे गर्दिश-ए-दौराँ की शिकायत

जाते तो हो काबे को ख़ुदा के लिए 'माइल'

करना न किसी दुश्मन-ए-ईमाँ की शिकायत

(644) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat In Hindi By Famous Poet Mirza Mayal Dehlvi. Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat is written by Mirza Mayal Dehlvi. Complete Poem Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat in Hindi by Mirza Mayal Dehlvi. Download free Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat Poem for Youth in PDF. Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat is a Poem on Inspiration for young students. Share Kis Munh Se Karun Main Tan-e-uryan Ki Shikayat with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.