ऐसी क्या थीं इताब की बातें
मैं तो कहता था ख़्वाब की बातें
कुछ ग़ज़ब हो रही हैं आरिज़ से
ज़ुल्फ़-ए-पुर-पेच-ओ-ताब की बातें
बे-हिजाबी में क्या ग़ज़ब होगा
जब ये कुछ हैं हिजाब की बातें
सर मिरा और निशान-ए-पा-ए-अदू
देखना इज़्तिराब की बातें
एक हज़रत हैं आप भी 'माइल'
सुन चुका हूँ जनाब की बातें