Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3af2e36ba90180ac4695299996c23e6d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
बस कि फ़ा'आलुम्मा-युरीद है आज - ग़ालिब कविता - Darsaal

बस कि फ़ा'आलुम्मा-युरीद है आज

बस कि फ़ा'आलुम्मा-युरीद है आज

हर सिलह शोर इंगलिस्ताँ का

घर से बाज़ार में निकलते हुए

ज़ोहरा होता है आब इंसाँ का

चौक जिस को कहें वो मक़्तल है

घर बना है नमूना ज़िंदाँ का

शहर-ए-देहली का ज़र्रा ज़र्रा ख़ाक

तिश्ना-ए-ख़ूँ है हर मुसलमाँ का

कोई वाँ से न आ सके याँ तक

आदमी वाँ न जा सके याँ का

मैं ने माना कि मिल गए फिर क्या

वही रोना तन ओ दिल ओ जाँ का

गाह जल कर किया किए शिकवा

सोज़िश-ए-दाग़-हा-ए-पिन्हाँ का

गाह रो कर कहा किए बाहम

माजरा दीदा-हा-ए-गिर्यां का

इस तरह के विसाल से यारब

क्या मिटे दिल से दाग़ हिज्राँ का

(1306) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj In Hindi By Famous Poet Mirza Ghalib. Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj is written by Mirza Ghalib. Complete Poem Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj in Hindi by Mirza Ghalib. Download free Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj Poem for Youth in PDF. Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj is a Poem on Inspiration for young students. Share Bas Ki Faalumma-yurid Hai Aaj with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.