सँभलने दे मुझे ऐ ना-उमीदी क्या क़यामत है
सँभलने दे मुझे ऐ ना-उमीदी क्या क़यामत है
कि दामान-ए-ख़याल-ए-यार छूटा जाए है मुझ से
(3897) Peoples Rate This
सँभलने दे मुझे ऐ ना-उमीदी क्या क़यामत है
कि दामान-ए-ख़याल-ए-यार छूटा जाए है मुझ से
(3897) Peoples Rate This