कौन है जो नहीं है हाजत-मंद
किस की हाजत रवा करे कोई
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हवस-ए-गुल के तसव्वुर में भी खटका न रहा
पए-नज़्र-ए-करम तोहफ़ा है शर्म-ए-ना-रसाई का
ग़ैर लें महफ़िल में बोसे जाम के
तुम अपने शिकवे की बातें न खोद खोद के पूछो
न पूछ नुस्ख़ा-ए-मरहम जराहत-ए-दिल का
काव काव-ए-सख़्त-जानी हाए-तन्हाई न पूछ
दश्ना-ए-ग़म्ज़ा जाँ-सिताँ नावक-ए-नाज़ बे-पनाह
जो न नक़्द-ए-दाग़-ए-दिल की करे शोला पासबानी
है वस्ल हिज्र आलम-ए-तमकीन-ओ-ज़ब्त में
आज वाँ तेग़ ओ कफ़न बाँधे हुए जाता हूँ मैं
है सब्ज़ा-ज़ार हर दर-ओ-दीवार-ए-ग़म-कदा
कहूँ किस से मैं कि क्या है शब-ए-ग़म बुरी बला है