जो कोई कि आफ़त-ए-निहानी माँगे
जो कोई कि आफ़त-ए-निहानी माँगे
और मुल्क-ए-अदम की कुछ निशानी माँगे
दिखला दे उसे तू अपनी शमशीर-ए-निगाह
जिस का मारा कभी न पानी माँगे
(687) Peoples Rate This
जो कोई कि आफ़त-ए-निहानी माँगे
और मुल्क-ए-अदम की कुछ निशानी माँगे
दिखला दे उसे तू अपनी शमशीर-ए-निगाह
जिस का मारा कभी न पानी माँगे
(687) Peoples Rate This