चेहरा-ए-आफ़ाक़ को देती है नूर
रंग-अफ़्शाँ हो जिस तरह उमीद
है कुछ ऐसी ही बरहमी ऐ दिल
हाल-ए-दिल तुम से आज कहता हूँ
और कुछ दैर अभी ठहर जाओ
फिर किसी बात का ख़याल आया
दिन ये बदलेगा रात बदलेगी
ना-मुरादी के तुंद तूफ़ाँ में
दिल पे लगते हैं सैकड़ों नश्तर
आरज़ू है कि अब मिरी हस्ती
हाए ये सादगी ओ पुरकारी
ये चमेली की अध-खिली कलियाँ