अगर यूँही रहेगी हैरत-ए-इश्क़
अगर यूँही रहेगी हैरत-ए-इश्क़
अगर ये दीदा-ए-नम नम रहेगा
ब-रंग-ए-शबनम आ कर क़तरा-ए-अश्क
हमारी हर मिज़ा पर जम रहेगा
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अगर यूँही रहेगी हैरत-ए-इश्क़
अगर ये दीदा-ए-नम नम रहेगा
ब-रंग-ए-शबनम आ कर क़तरा-ए-अश्क
हमारी हर मिज़ा पर जम रहेगा
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