Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_207b6e7106f144871341aede17656496, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
जोश मलीहाबादी Rubaai In Hindi - Best जोश मलीहाबादी Rubaai Shayari & Poems - Page 1 - Darsaal

Rubaais of Josh Malihabadi (page 1)

Rubaais of Josh Malihabadi (page 1)
नामजोश मलीहाबादी
अंग्रेज़ी नामJosh Malihabadi
जन्म की तारीख1898
मौत की तिथि1982

ये बज़्म-गीर अमल है बे-नग़्मा-ओ-सौत

वो आएँ तो होगी तमन्नाओं की ईद

थे पहले खिलौनों की तलब में बेताब

साहिल, शबनम, नसीम, मैदान-ए-तुयूर

क़ानून नहीं कोई फ़ितरत के सिवा

पुर-हौल-शिकम अरीज़ सीने वालो

नागिन बन कर मुझे न डसना बादल

मेरे कमरे की छत पे है उस बुत का मकान

ममनूअ शजर से लुत्फ़-ए-पैहम लेने

मफ़्लूज हर इस्तिलाह-ईमाँ कर दे

लिल्लाह हमारे ग़ुर्फ़ा-ए-दीं को न छोप

क्या तब्ख़ मिलेगा गुल-फ़िशानी कर के

ख़ुद से न उदास हूँ न मसरूर हूँ मैं

कल रात गए ऐन-ए-तरब के हंगाम

जीना है तो जीने की मोहब्बत में मरो

जल्वों की है बारगाह मेरे दिल में

जाने वाले क़मर को रोके कोई

इस दहर में इक नफ़्स का धोका हूँ मैं

इंसान की तबाहियों से क्यूँ हिले दिल-गीर

हर रंग में इबलीस सज़ा देता है

हर इल्म ओ यक़ीं है इक गुमाँ ऐ साक़ी

ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है

दिल रस्म के साँचे में न ढाला हम ने

दिल की जानिब रुजूअ होता हूँ मैं

बे-नग़्मा है ऐ 'जोश' हमारा दरबार

बरसात है दिल डस रहा है पानी

बाक़ी नहीं एक शुऊर रखने वाला

बंदे क्या चाहता है दाम-ओ-दीनार

बाग़ों पे छा गई है जवानी साक़ी

औरों को बताऊँ क्या मैं घातें अपनी

जोश मलीहाबादी Rubaai in Hindi - Read famous जोश मलीहाबादी Shayari, Rubaai, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet जोश मलीहाबादी. Free Download Best Rubaai, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet जोश मलीहाबादी. जोश मलीहाबादी Ghazals and Inspirational Nazams for Students.