जोश मलीहाबादी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का जोश मलीहाबादी
नाम | जोश मलीहाबादी |
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अंग्रेज़ी नाम | Josh Malihabadi |
जन्म की तारीख | 1898 |
मौत की तिथि | 1982 |
ये बज़्म-गीर अमल है बे-नग़्मा-ओ-सौत
वो आएँ तो होगी तमन्नाओं की ईद
थे पहले खिलौनों की तलब में बेताब
साहिल, शबनम, नसीम, मैदान-ए-तुयूर
क़ानून नहीं कोई फ़ितरत के सिवा
पुर-हौल-शिकम अरीज़ सीने वालो
नागिन बन कर मुझे न डसना बादल
मेरे कमरे की छत पे है उस बुत का मकान
ममनूअ शजर से लुत्फ़-ए-पैहम लेने
मफ़्लूज हर इस्तिलाह-ईमाँ कर दे
लिल्लाह हमारे ग़ुर्फ़ा-ए-दीं को न छोप
क्या तब्ख़ मिलेगा गुल-फ़िशानी कर के
ख़ुद से न उदास हूँ न मसरूर हूँ मैं
कल रात गए ऐन-ए-तरब के हंगाम
जीना है तो जीने की मोहब्बत में मरो
जल्वों की है बारगाह मेरे दिल में
जाने वाले क़मर को रोके कोई
इस दहर में इक नफ़्स का धोका हूँ मैं
इंसान की तबाहियों से क्यूँ हिले दिल-गीर
हर रंग में इबलीस सज़ा देता है
हर इल्म ओ यक़ीं है इक गुमाँ ऐ साक़ी
ज़ब्त-ए-गिर्या
मुबहम पयाम
ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है
दिल रस्म के साँचे में न ढाला हम ने
दिल की जानिब रुजूअ होता हूँ मैं
बे-नग़्मा है ऐ 'जोश' हमारा दरबार
बरसात है दिल डस रहा है पानी
बाक़ी नहीं एक शुऊर रखने वाला
बंदे क्या चाहता है दाम-ओ-दीनार