Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e0a7f3f47c13cf9db993da4f6a91004e, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नद्दी ये जैसे मौज में दरिया से जा मिले - जानाँ मलिक कविता - Darsaal

नद्दी ये जैसे मौज में दरिया से जा मिले

नद्दी ये जैसे मौज में दरिया से जा मिले

तुम से कहीं मिलूँ मैं अगर रास्ता मिले

मिलती है एक साँस की मोहलत कभी कभी

शायद ये रात भी तिरी सुब्हों से जा मिले

जो भी मिला वो अपनी अना का असीर था

इंसाँ को ढूँडने में गई तो ख़ुदा मिले

इस अहद-ए-इंतिशार में क्या इत्तिफ़ाक़ है

दर्द-ओ-अलम ये रंज-ओ-मलाल एक जा मिले

दिल में ज़रा ख़ुलूस न मेहर-ओ-वफ़ा का रंग

रस्मन बहुत अज़ीज़ बहुत अक़रबा मिले

मेरी शिकस्त में मिरे कुछ मेहरबाँ भी थे

मेरी सफ़ें जो छोड़ के दुश्मन से जा मिले

उस सम्त से भी गुज़रे नई रुत का कारवाँ

ग़ारों के बासियों को भी ताज़ा हवा मिले

'जानाँ' ये ज़िंदगी के अजब सानेहात हैं

कुछ लोग अपने-आप से अक्सर ख़फ़ा मिले

(1904) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile In Hindi By Famous Poet Jaanaan Malik. Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile is written by Jaanaan Malik. Complete Poem Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile in Hindi by Jaanaan Malik. Download free Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile Poem for Youth in PDF. Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile is a Poem on Inspiration for young students. Share Naddi Ye Jaise Mauj Mein Dariya Se Ja Mile with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.