इक़बाल सुहैल कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इक़बाल सुहैल
नाम | इक़बाल सुहैल |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Suhail |
जन्म की तारीख | 1885 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Azamgarh |
वो शबनम का सुकूँ हो या कि परवाने की बेताबी
न रहा कोई तार दामन में
कुछ ऐसा है फ़रेब-ए-नर्गिस-ए-मस्ताना बरसों से
ख़ाकिस्तर-ए-दिल में तो न था एक शरर भी
जो तसव्वुर से मावरा न हुआ
हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मुझ से
आशोब-ए-इज़्तिराब में खटका जो है तो ये
ज़िंदाँ-नसीब हूँ मिरे क़ाबू में सर नहीं
ज़बानों पर नहीं अब तूर का फ़साना बरसों से
ये इत्र बे-ज़ियाँ नहीं नसीम-ए-नौ-बहार की
उफ़ क्या मज़ा मिला सितम-ए-रोज़गार में
सदा फ़रियाद की आए कहीं से
पैग़ाम-ए-रिहाई दिया हर चंद क़ज़ा ने
न रहा ज़ौक़-ए-रंग-ओ-बू मुझ को
कहाँ ताक़त ये रूसी को कहाँ हिम्मत ये जर्मन को
जो तसव्वुर से मावरा न हुआ
हुस्न-ए-फ़ितरत की आबरू मुझ से
असीरों में भी हो जाएँ जो कुछ आशुफ़्ता-सर पैदा
अंजाम-ए-वफ़ा भी देख लिया अब किस लिए सर ख़म होता है
अब दिल को हम ने बंदा-ए-जानाँ बना दिया