एक भी ख़्वाहिश के हाथों में न मेहंदी लग सकी
एक भी ख़्वाहिश के हाथों में न मेहंदी लग सकी
मेरे जज़्बों में न दूल्हा बन सका अब तक कोई
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मेरे जज़्बों में न दूल्हा बन सका अब तक कोई
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