Hope Poetry of Iqbal Naved
नाम | इक़बाल नवेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Naved |
मिरी ख़्वाहिश है दुनिया को भी अपने साथ ले आऊँ
ख़्वाहिशों के पेड़ से गिरते हुए पत्ते न चुन
ये ज़मीं हम को मिली बहते हुए पानी के साथ
रात भर कोई न दरवाज़ा खुला
दोस्तों के हू-ब-हू पैकर का अंदाज़ा लगा
अगरचे पार काग़ज़ की कभी कश्ती नहीं जाती