Love Poetry of Iqbal Minhas
नाम | इक़बाल मिनहास |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Minhas |
सरसर चली वो गर्म कि साए भी जल गए
नगर में रहते थे लेकिन घरों से दूर रहे
न कोई ग़ैर न अपना दिखाई देता है
जब शाख़-ए-तमन्ना पे कोई फूल खिला है
नाम | इक़बाल मिनहास |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Minhas |
सरसर चली वो गर्म कि साए भी जल गए
नगर में रहते थे लेकिन घरों से दूर रहे
न कोई ग़ैर न अपना दिखाई देता है
जब शाख़-ए-तमन्ना पे कोई फूल खिला है