रात तारीक रास्ते ख़ामोश

रात तारीक रास्ते ख़ामोश

मंज़िलों तक हैं क़ुमक़ुमे ख़ामोश

आरज़ूओं के ढे गए अहराम

हसरतों के हैं मक़बरे ख़ामोश

दिल के उजड़े नगर से गुज़रे हैं

कितनी यादों के क़ाफ़िले ख़ामोश

मुंतज़िर थे जो मेरी आमद के

हैं मुंडेरों पे वो दिए ख़ामोश

मेरे मुस्तक़बिल-ए-मोहब्बत पर

ज़िंदगी के हैं तजरिबे ख़ामोश

ज़ेहन-ए-आज़र है ख़्वाब-गाह-ए-जुमूद

फ़िक्र-ओ-फ़न के हैं बुत-कदे ख़ामोश

(1023) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Raat Tarik Raste KHamosh In Hindi By Famous Poet Iqbal Mahir. Raat Tarik Raste KHamosh is written by Iqbal Mahir. Complete Poem Raat Tarik Raste KHamosh in Hindi by Iqbal Mahir. Download free Raat Tarik Raste KHamosh Poem for Youth in PDF. Raat Tarik Raste KHamosh is a Poem on Inspiration for young students. Share Raat Tarik Raste KHamosh with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.