Love Poetry of Iqbal Kaifi
नाम | इक़बाल कैफ़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Iqbal Kaifi |
मैं ऐसे हुस्न-ए-ज़न को ख़ुदा मानता नहीं
देखा है मोहब्बत को इबादत की नज़र से
अटे हुए हैं फ़क़ीरों के पैरहन 'कैफ़ी'
यही नहीं कि निगाहों को अश्क-बार किया
सुना है उस ने ख़िज़ाँ को बहार करना है
साहिल के तलबगार भी क्या ख़ूब रहे हैं
मोहब्बतों ने बड़ी हेर-फेर कर दी है
मौज-ए-बला में रोज़ कोई डूबता रहे
बे-कसी पर ज़ुल्म ला-महदूद है