Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_550bc31798243e71d4efe656c2b4051d, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
हर-चंद गाम गाम हवादिस सफ़र में हैं - इक़बाल अज़ीम कविता - Darsaal

हर-चंद गाम गाम हवादिस सफ़र में हैं

हर-चंद गाम गाम हवादिस सफ़र में हैं

वो ख़ुश-नसीब हैं जो तिरी रहगुज़र में हैं

ताकीद-ए-ज़ब्त अहद-ए-वफ़ा इज़्न-ए-ज़िंदगी

कितने पयाम इक निगह-ए-मुख़्तसर में हैं

माज़ी शरीक-ए-हाल है कोशिश के बावजूद

धुँदले से कुछ नुक़ूश अभी तक नज़र में हैं

लिल्लाह इस ख़ुलूस से पुर्सिश न कीजिए

तूफ़ान कब से बंद मिरी चश्म-ए-तर में हैं

मंज़िल तो ख़ुश-नसीबों में तक़्सीम हो चुकी

कुछ ख़ुश-ख़याल लोग अभी तक सफ़र में हैं

महफ़िल में उन की सम्त निगाहें न उठ सकीं

हम बिल-ख़ुसूस अहल-ए-नज़र की नज़र में हैं

ये कैसे राह-रौ थे कि हर नक़्श-ए-पा के साथ

सज्दों के कुछ निशान भी इस रहगुज़र में हैं

(1040) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain In Hindi By Famous Poet Iqbal Azeem. Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain is written by Iqbal Azeem. Complete Poem Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain in Hindi by Iqbal Azeem. Download free Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain Poem for Youth in PDF. Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Har-chand Gam Gam Hawadis Safar Mein Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.