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बिल-एहतिमाम ज़ुल्म की तज्दीद की गई - इक़बाल अज़ीम कविता - Darsaal

बिल-एहतिमाम ज़ुल्म की तज्दीद की गई

बिल-एहतिमाम ज़ुल्म की तज्दीद की गई

और हम को सब्र-ओ-ज़ब्त की ताकीद की गई

अव्वल तो बोलने की इजाज़त न थी हमें

और हम ने कुछ कहा भी तो तरदीद की गई

अंजाम-कार बात शिकायात पर रुकी

पुर्सिश अगरचे अज़-रह-ए-तम्हीद की गई

तजदीद-ए-इल्तिफ़ात की तज्वीज़ रद हुई

तर्क-ए-तअल्लुक़ात की ताईद की गई

जीने का कोई एक सहारा तो चाहिए

डर डर के की गई मगर उम्मीद की गई

घर के चराग़ और भी बे-नूर हो गए

इस दर्जा ख़ातिर-ए-माह-ओ-ख़ुर्शीद की गई

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