Khawab Poetry of Iqbal Ashhar

Khawab Poetry of Iqbal Ashhar
नामइक़बाल अशहर
अंग्रेज़ी नामIqbal Ashhar
जन्म की तारीख1965
जन्म स्थानDelhi

उर्दू

वो भी कुछ भूला हुआ था मैं कुछ भटका हुआ

सिलसिला ख़त्म हुआ जलने जलाने वाला

कितने भूले हुए नग़्मात सुनाने आए

ख़ुदा ने लाज रखी मेरी बे-नवाई की

कभी कसक जुदाई की कभी महक विसाल की

दयार-ए-दिल में नया नया सा चराग़ कोई जला रहा है

बदन में अव्वलीं एहसास है तकानों का

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