मेरी फ़रियाद पे रोया है चमन मेरे बा'द

मेरी फ़रियाद पे रोया है चमन मेरे बा'द

खिल गए और भी ग़ुंचों के दहन मेरे बा'द

सरफ़रोशी का न ज़िंदा रहा फ़न मेरे बा'द

ख़ुद से उलझा ही किए दार-ओ-रसन मेरे बा'द

बरहमी तेरी रही मेरी वफ़ा तक बाक़ी

किस ने देखी तिरे माथे पे शिकन मेरे बा'द

दिल को उस ज़ुल्फ़-ए-परेशाँ में गिरफ़्तार ही रख

फिर बने या न बने ज़ुल्फ़-ए-रसन मेरे बा'द

आज बेदाद को तुम हद से गुज़र जाने दो

भूल जाओगे क़यामत का चलन मेरे बा'द

क़ाबिल-ए-क़द्र था 'इक़बाल' उन्हें है तस्लीम

याद आया है मेरा तर्ज़-ए-सुख़न मेरे बा'द

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Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad In Hindi By Famous Poet Iqbal Abidi. Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad is written by Iqbal Abidi. Complete Poem Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad in Hindi by Iqbal Abidi. Download free Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad Poem for Youth in PDF. Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad is a Poem on Inspiration for young students. Share Meri Fariyaad Pe Roya Hai Chaman Mere Baad with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.