अपने बदन को छोड़ के पछताओगे मियाँ
बाहर हवा है तेज़ बिखर जाओगे मियाँ
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अंदेशों का ज़हर पिया है
दूर तक बस ख़ून के ठहरे हुए दरिया मिले
हर एक शख़्स के विज्दान से ख़िताब करे
शोर से बच कर सहमा सहमा बैठा है चुप-चाप
लोग न जाने कैसी कैसी बातें करते हैं