चाँद

चाँद ने जब रात को

आसमान के औज से

अर्ज़ पर डाली नज़र

तो उसे तारीकियों में ग़र्क़ दुनिया पर तरस आया बहुत

और उस ने अर्ज़ पर कुछ तोड़ लाने का इरादा कर लिया

जब वो उतरा आसमाँ से

तो मुक़द्दर ने उसे लटका दिया

इक सलीब-ए-नख़्ल पर

और दुनिया सो रही थी रात की आग़ोश में

चाँद का क्या हाल है

पूछता कोई नहीं

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Chand In Hindi By Famous Poet Intikhab Alam. Chand is written by Intikhab Alam. Complete Poem Chand in Hindi by Intikhab Alam. Download free Chand Poem for Youth in PDF. Chand is a Poem on Inspiration for young students. Share Chand with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.