जो हाथ अपने सब्ज़े का घोड़ा लगा
जो हाथ अपने सब्ज़े का घोड़ा लगा
तो सुलफ़े का और उस को कोड़ा लगा
मिरे ही जो बाज़ू में इक नील सा
सो तेरे है पाँव का तोड़ा लगा
अजी चश्म-ए-बद-दूर नाम-ए-ख़ुदा
तुम्हें क्या भला सुर्ख़ जोड़ा लगा
भला आप शरमाए किस वास्ते
कबूतर का बाहम जो जोड़ा लगा
ये दुखती निगाहों से घूरा मुझे
कि दुखने मिरे दिल का फोड़ा लगा
लगी कहने 'इंशा' को शब वो परी
मुझे भूत हो ये निगोड़ा लगा
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