Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_492fe3b01ce76a3056895e29e538ab6b, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
कर्ब आगही - इंजिला हमेश कविता - Darsaal

कर्ब आगही

फिर वही अंदाज़ वही आवाज़

जैसे अभी कोई कहेगा

तुम मेरी रौशनी हो

वही आवाज़

जिस ने मोहब्बत से नफ़रत करना सिखाया

जिस ने बावर कराया कि जिस्म की तो कोई हक़ीक़त ही नहीं

आदमी से आदमी का रिश्ता कभी भी बे-मआ'नी हो सकता है

तब किसी बीते हुए बिखरे लम्हे में दी गई आवाज़ डूब जाती है

मगर अब की बार आवाज़ से आवाज़ तक के सफ़र ने जो नाम पुकारा

तो मालूम हुआ

कि मन में कहीं टूटी हुई चूड़ी का टुकड़ा रह गया था

जो अब इस आवाज़ की लय पे बार बार चुभता है

(843) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Karb Aagahi In Hindi By Famous Poet Injila Hamesh. Karb Aagahi is written by Injila Hamesh. Complete Poem Karb Aagahi in Hindi by Injila Hamesh. Download free Karb Aagahi Poem for Youth in PDF. Karb Aagahi is a Poem on Inspiration for young students. Share Karb Aagahi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.