Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_b28161cd0b299299f0d70dd1b4c916d5, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अन-छूई कथा - इंजील सहीफ़ा कविता - Darsaal

अन-छूई कथा

मैं कोई ख़्वाब लिखूँ कहानी में बीती किसी रात का

कहकशाओं की नगरी से गुज़रे हुए

रात ओढ़े हुए इक हसीन साथ का

इस गगन की कथा भी लिखूँ

जिस पे नैनों के झिलमिल दिए जगमगा उठे थे

जिस पे बादल हमारी तरह खिलखिला उठे थे

जिस पे कोहरे की चादर तले चाँद चुप-चाप था

और कहीं दूर मुरली पे बजता कोई साज़ था

वो जो ख़्वाहिश सी बहती हुई कासनी नहर थी

वो जो आँखों से कोसों परे अन-छूई सेहर थी

हाँ वही हाँ वही हाँ वही क़हर थी

मुझ को बाँहों में अपने छुपाए हुए

बर्फ़ की सिलवटों से सरकते हुए

धुँद ओढ़े हुए

दूधिया रौशनी से परे

चाँद की ओट में

तेरे पहलू में सिमटी हुई

रात ख़ामोश थी

मैं भी मीरा के जैसी किसी कृष्ण की योगिनी थी मगर

मैं भी निर्दोश थी

(780) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

An-chhui Katha In Hindi By Famous Poet Injeel Saheefa. An-chhui Katha is written by Injeel Saheefa. Complete Poem An-chhui Katha in Hindi by Injeel Saheefa. Download free An-chhui Katha Poem for Youth in PDF. An-chhui Katha is a Poem on Inspiration for young students. Share An-chhui Katha with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.