टीवी
क्यूँ न उस को मैं हुज़ूरम यक-न-शुद दो शुद कहूँ
ये सितम कुछ कम नहीं है दिल दुखाने के लिए
चोर-साहिब दो अदद टीवी उड़ा कर ले गए
एक अपने वास्ते और एक थाने के लिए
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क्यूँ न उस को मैं हुज़ूरम यक-न-शुद दो शुद कहूँ
ये सितम कुछ कम नहीं है दिल दुखाने के लिए
चोर-साहिब दो अदद टीवी उड़ा कर ले गए
एक अपने वास्ते और एक थाने के लिए
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