घरेलू मुलाज़िम
मैडम की डाँट सुन के मुलाज़िम पुकार उठा
हर-चंद संग-रेज़ा हूँ गौहर नहीं हूँ मैं
लेकिन कलाम कीजिए मुझ से अदब के साथ
नौकर हूँ कोई आप का शौहर नहीं हूँ मैं
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मैडम की डाँट सुन के मुलाज़िम पुकार उठा
हर-चंद संग-रेज़ा हूँ गौहर नहीं हूँ मैं
लेकिन कलाम कीजिए मुझ से अदब के साथ
नौकर हूँ कोई आप का शौहर नहीं हूँ मैं
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