इंकिशाफ़
तितलियों के पाँव में फूल फूल ज़ंजीरें
ख़ुशबुओं की बस्ती में ख़्वाब ख़्वाब ताबीरें
है बस एक ही ख़्वाहिश
राग रंग दुनिया में
दिल की तंग दुनिया में
लिख सकूँ कभी मैं भी
रात के सहीफ़े पर चाँदनी की तहरीरें
आख़िरी मुनाजातें
आसमान की बातें
कुछ भी हो नहीं सकता
आज अपनी मर्ज़ी से
तू भी हँस नहीं सकता
मैं भी रो नहीं सकता
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