प्रोफ़ेसर ही जब आते हों हफ़्ता-वार कॉलेज में
प्रोफ़ेसर ही जब आते हों हफ़्ता-वार कॉलेज में
तो ऊँचा क्यूँ न हो तालीम का मेआर कॉलेज में
कुछ ऐसे भी पढ़ाकू पंछियों को हम ने देखा है
कि पर दफ़्तर में पंजे शहर में मिंक़ार कॉलेज में
अगरचे दूसरे मशरूब भी महँगे नहीं मिलते
मगर चलता है अक्सर शर्बत-ए-दीदार कॉलेज में
वो डिग्री की बजाए मेम ले कर लौट आया है
मिला था दाख़िला जिस को समुंदर-पार कॉलेज में
मुझे डर है कि हम दोनों कहीं सम्धी न बन जाएँ
तिरी गुलनार कॉलेज में मिरा गुलज़ार कॉलेज में
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