इनाम-उल-हक़ जावेद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इनाम-उल-हक़ जावेद
नाम | इनाम-उल-हक़ जावेद |
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अंग्रेज़ी नाम | Inam-ul-Haq Javed |
जन्म की तारीख | 1949 |
यूँ तूँ ख़ासी देर में जा कर इश्क़ का शोला भड़का है
टीवी
मोहब्बत माँ से और बीवी से जिस का प्यार होता है
मरीज़-ए-दिल
घरेलू मुलाज़िम
इक डॉक्टर मरीज़ को समझा रहा था यूँ
बेगम
बाप की नसीहत
वो डिग्री की बजाए मेम ले कर लौट आया है
तमाम उम्र गँवा दी जिसे भुलाने में
सुख़न के सारे सलीक़े ज़बाँ में रखता है
प्रोफ़ेसर ही जब आते हों हफ़्ता-वार कॉलेज में
इंकिशाफ़
ए'तिराफ़
वो एक शख़्स कि बाइस मिरे ज़वाल का था
प्रोफ़ेसर ही जब आते हों हफ़्ता-वार कॉलेज में
लिक्खेंगे न इस हार के अस्बाब कहाँ तक