Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_2081ca40a90f87c85507e37b494d8de3, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
नहीं मालूम ये क्या कर चुके हैं - इनाम नदीम कविता - Darsaal

नहीं मालूम ये क्या कर चुके हैं

नहीं मालूम ये क्या कर चुके हैं

हम अपने दिल से धोका कर चुके हैं

ज़रा कार-ए-जहाँ भी कर के देखें

बहुत कार-ए-तमन्ना कर चुके हैं

कोई पत्थर ही आए अब कहीं से

हम अपने दिल को शीशा कर चुके हैं

ज़माना है बुरे हम-साए जैसा

सो हम-साए से झगड़ा कर चुके हैं

समेटेगा कोई कैसे जो पत्ते

बिखरने का तहय्या कर चुके हैं

बहुत शफ़्फ़ाफ़ था बादल का दामन

जिसे हम लोग मैला कर चुके हैं

वो दिल जिस ने हमें रुस्वा किया था

हम आज उस दिल को रुस्वा कर चुके हैं

(935) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain In Hindi By Famous Poet Inam Nadeem. Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain is written by Inam Nadeem. Complete Poem Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain in Hindi by Inam Nadeem. Download free Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain Poem for Youth in PDF. Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain is a Poem on Inspiration for young students. Share Nahin Malum Ye Kya Kar Chuke Hain with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.