इनाम नदीम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इनाम नदीम
नाम | इनाम नदीम |
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अंग्रेज़ी नाम | Inam Nadeem |
जन्म की तारीख | 1967 |
जन्म स्थान | Shahdadpur, Sindh |
ज़माना है बुरे हम-साए जैसा
ये मोहब्बत भी एक नेकी है
वो दिल जिस ने हमें रुस्वा किया था
पुकारते थे मुझे आसमाँ मगर मैं ने
नींद से जागा हूँ तो बैठा सोचता हूँ
कुछ रोज़ अभी और है ये आइना-ख़ाना
ख़ामोश खड़ा हूँ मैं दर-ए-ख़्वाब से बाहर
कभी लौट आया मैं दश्त से तो ये शहर भी
जो तेरी आरज़ू मुझ को न होती
जिए गरचे इसी दुनिया में हम भी
हम ठहरे रहेंगे किसी ताबीर को थामे
एक लम्हा लौट कर आया नहीं
दरिया को किनारे से क्या देखते रहते हो
बुझ जाएगा इक रोज़ तिरी याद का शोला
अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है
ज़मीं बिछाई यहाँ आसमाँ बुलंद किया
ये मंज़र बे-दर-ओ-दीवार होता
रास्ते जिस तरफ़ बुलाते हैं
पड़ता था इस ख़याल का साया यहीं कहीं
नहीं मालूम ये क्या कर चुके हैं
कोई बाग़ सा सजा हुआ मिरे सामने
ख़ुद अपने उजाले से ओझल रहा है दिया जल रहा है
जिस रोज़ तिरे हिज्र से फ़ुर्सत में रहूँगा
हमें तो इंतिज़ारी और ही थी
दिल पर किसी पत्थर का निशाँ यूँ ही रहेगा
अपनी ही रवानी में बहता नज़र आता है
आँख ने धोका खाया था या साया था