इनाम कबीर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इनाम कबीर
नाम | इनाम कबीर |
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अंग्रेज़ी नाम | Inam Kabeer |
ये रंग बे-रंग सारे मंज़र हैं एक जैसे
वुफ़ूर-ए-हुस्न की लज़्ज़त से टूट जाते हैं
वो आते-जाते इधर देखता ज़रा सा है
उधर जो शख़्स भी आया उसे जवाब हुआ
रवाँ नदी के किनारे सड़क पे रुक जाना
जिस क़दर भी हवा है ख़ाली है