Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_4fee03246faf8359fe2aa0008195c4ec, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तसव्वुरात में वो ज़ूम कर रहा था मुझे - इनआम आज़मी कविता - Darsaal

तसव्वुरात में वो ज़ूम कर रहा था मुझे

तसव्वुरात में वो ज़ूम कर रहा था मुझे

बहुत शदीद तवज्जोह का सामना था मुझे

चमक रहा था मैं सूरज के मिस्ल इस लिए दोस्त

कहीं पे जा के अँधेरे में डूबना था मुझे

मुझे वहाँ से उदासी बुला रही थी आज

जहाँ से शाम-ओ-सहर कोई देखता था मुझे

फिर उस को जा के बताना पड़ा ग़लत है ये

समझने वाले ने क्या क्या समझ रखा था मुझे

गुज़र न पाया था जो 'जौन-एलिया' से भी

तुम्हारे बा'द वो लम्हा गुज़ारना था मुझे

लहूलुहान हुए जा रहे थे हर मंज़र

किसी ने वक़्त के माथे पे यूँ लिखा था मुझे

मैं अपनी नींद अगर टूटने नहीं देता

उस एक ख़्वाब से हर वक़्त टूटना था मुझे

(1156) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe In Hindi By Famous Poet Inaam Azmi. Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe is written by Inaam Azmi. Complete Poem Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe in Hindi by Inaam Azmi. Download free Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe Poem for Youth in PDF. Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe is a Poem on Inspiration for young students. Share Tasawwuraat Mein Wo Zoom Kar Raha Tha Mujhe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.