Ghazals of Inaam Azmi
नाम | इनआम आज़मी |
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अंग्रेज़ी नाम | Inaam Azmi |
जन्म की तारीख | 1997 |
तसव्वुरात में वो ज़ूम कर रहा था मुझे
सोचता हूँ सदा मैं ज़मीं पर अगर कुछ कभी बाँटता
समझने वाला मिरा मर्तबा समझता है
कौन है मेरा ख़रीदार नहीं देखता मैं
कौन है मेरा ख़रीदार नहीं देखता मैं
कभी तो चश्म-ए-फ़लक में हया दिखाई दे
जुदा हो कर समुंदर से किनारा क्या बनेगा
जो चला आता है ख़्वाबों की तरफ़-दारी को
जिस तरफ़ देखिए बाज़ार उदासी का है
जैसा सोचो वैसा मतलब होता है
दर-ए-उमीद मुक़फ़्फ़ल नहीं हुआ अब तक