इम्तियाज़ अहमद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इम्तियाज़ अहमद
नाम | इम्तियाज़ अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Imtiyaz Ahmad |
यूँही अक्सर मुझे समझा बुझा कर लौट जाती है
वो तबस्सुम था जहाँ शायद वहीं पर रह गया
तिरी फ़ुज़ूल बंदगी बना न दे ख़ुदा मुझे
ताराज ख़्वाहिशों का मुदावा न हो सका