Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e219ace4d49f468c46a801c1b65f3608, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
उस का बदन भी चाहिए और दिल भी चाहिए - इमरान-उल-हक़ चौहान कविता - Darsaal

उस का बदन भी चाहिए और दिल भी चाहिए

उस का बदन भी चाहिए और दिल भी चाहिए

सुर्ख़ी-ए-लब भी गाल का वो तिल भी चाहिए

ये कारोबार-ए-शौक़ है बे-गार तो नहीं

इस कारोबार-ए-शौक़ का हासिल भी चाहिए

पानी और आग एक जगह चाहिएँ हमें

जो शाख़ गुल-ब-दस्त हो क़ातिल भी चाहिए

सब को ख़बर तो हो कि वो मेरा है बस मिरा

पहलू में यार बरसर-ए-महफ़िल भी चाहिए

पा कर चराग़-ए-दिल की हवस और बढ़ गई

मौसूफ़ को अब इक मह-ए-कामिल भी चाहिए

यूँ बे-कनार आरज़ूओं से वसूल क्या

ख़्वाहिश को एक सम्त भी साहिल भी चाहिए

ज़ोलीदा-मू ओ चाक-गरेबाँ सब अहल-ए-दिल

कोई तो इस क़बीले में आक़िल भी चाहिए

अपनी अलग शनाख़्त भी 'इमरान' हो ज़रूर

वो शख़्स अपनी ज़ीस्त में शामिल भी चाहिए

(1217) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye In Hindi By Famous Poet Imran-ul-haq Chauhan. Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye is written by Imran-ul-haq Chauhan. Complete Poem Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye in Hindi by Imran-ul-haq Chauhan. Download free Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye Poem for Youth in PDF. Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye is a Poem on Inspiration for young students. Share Us Ka Badan Bhi Chahiye Aur Dil Bhi Chahiye with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.