इस्त्री करते हुए

वो मेरी शर्ट जलने पर

तिरा बे-साख़्ता हँसना

मुझे जब याद आता है

तो जानाँ ऐसे लगता है

तू मेरे पास बैठी है

मुझे महसूस होती है

मगर मैं छू नहीं सकता

तिरी आवाज़ कानों में

अभी तक गूँज उठती है

वो मेरी शर्ट जलने पर

तिरा बे-साख़्ता हँसना

मुझे जब याद आता है

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Istiri Karte Hue In Hindi By Famous Poet Imran Shanawar. Istiri Karte Hue is written by Imran Shanawar. Complete Poem Istiri Karte Hue in Hindi by Imran Shanawar. Download free Istiri Karte Hue Poem for Youth in PDF. Istiri Karte Hue is a Poem on Inspiration for young students. Share Istiri Karte Hue with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.