Love Poetry of Imran Shamshad
नाम | इमरान शमशाद |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Imran Shamshad |
पहली सिगरेट पहला ख़्वाब और पहला इश्क़
सड़क
काला
एक तितली उड़ी
ज़िंदगी में जो ये रवानी है
यूँ भटकने में की है बसर ज़िंदगी
ये ग़लत है ये साल ठीक नहीं
ठहर के देख तू इस ख़ाक से क्या क्या निकल आया
शोर में इर्तिकाज़ मिलता है
रफ़्ता रफ़्ता सब कुछ अच्छा हो जाएगा
मुद्दत से आदमी का यही मसअला रहा
कभी पैरों से आँखों तक चुभन महसूस होती है
जल कर जिस ने जल को देखा
हमारी मोहब्बत नुमू से निकल कर कली बन गई थी मगर थी नुमू में
ढूँडिए दिन रात हफ़्तों और महीनों के बटन