मैं अपनी हैसियत से कुछ ज़ियादा ले के आया हूँ
मैं अपनी हैसियत से कुछ ज़ियादा ले के आया हूँ
मैं क़तरा हूँ मगर हमराह दरिया ले के आया हूँ
मुझे भी कुछ अत्तार कर दे उजाला बाँटने वाले
तिरी ख़िदमत में तम्हीद-ए-तमन्ना ले के आया हूँ
तुम्हारी आँख के रस्ते तुम्हारे दिल में उतरूँगा
मैं अज़्म-ओ-हौसला पुख़्ता इरादा ले के आया हूँ
अजल ने काम अपना कर दिया रिश्वत नहीं खाई
मैं काफ़ी देर तक चीख़ा कि पैसा ले के आया हूँ
चले आओ कि पहले की तरह मातम करें मिल कर
मैं अपने दिल के अरमानों का लाशा ले के आया हूँ
मुझे हर हाल में तारीकियों का सर कुचलना है
हथेली पर उगा कर चाँद तारा ले के आया हूँ
मिरी तहरीर से 'साग़र' अभी तक ख़ूँ टपकता है
मैं इन काग़ज़ के टुकड़ों में कलेजा ले के आया हूँ
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