Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_6635804e5a69e6466ce3a856b828c1fa, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तुझ को देखा तो ये लगा है मुझे - इमरान हुसैन आज़ाद कविता - Darsaal

तुझ को देखा तो ये लगा है मुझे

तुझ को देखा तो ये लगा है मुझे

इश्क़ सदियों से जानता है मुझे

आश्ना सड़कें अजनबी चेहरे

शहर में और क्या दिखा है मुझे

लोग क़ीमत मिरी लगाते हैं

किस जगह तू ने रख दिया है मुझे

सुब्ह रुख़्सत करे मकाँ मेरा

शाम को ख़ुद ही ढूँढता है मुझे

रत-जगो तुम ही कुछ बताओ अब

इश्क़ तो है ही और क्या है मुझे

मैं भी क्या दूसरों के जैसा हूँ

ख़ुद को बाहर से देखना है मुझे

बात सच है मगर कहूँ कैसे

तिश्नगी ने डुबो दिया है मुझे

मौज-दर-मौज मिट रहा हूँ मैं

कौन साहिल पे लिख गया है मुझे

किस लिए रोज़ जाग जाता हूँ

कौन है जिस का डर लगा है मुझे

(868) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe In Hindi By Famous Poet Imran Husain Azad. Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe is written by Imran Husain Azad. Complete Poem Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe in Hindi by Imran Husain Azad. Download free Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe Poem for Youth in PDF. Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe is a Poem on Inspiration for young students. Share Tujhko Dekha To Ye Laga Hai Mujhe with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.