तुझ से इक हाथ क्या मिला लिया है

तुझ से इक हाथ क्या मिला लिया है

शहर ने वाक़िआ बना लिया है

हम तो हम थे कि उस परी-रू ने

आइने का भी दिल चुरा लिया है

वर्ना ये सैल-ए-आब ले जाता

शहर को आग ने बचा लिया है

ऐसी नाव में क्या सफ़र करना

जिस ने दरिया को दुख सुना लिया है

कूज़ा-गर ने हमारी मिट्टी से

क्या बनाना था क्या बना लिया है

देखिए पहले कौन मरता है

साँप ने आदमी को खा लिया है

जाने वालों को अब इजाज़त है

हम ने अपना दिया बुझा लिया है

जब कोई बात ही नहीं 'आमी'

आसमाँ सर पे क्यूँ उठा लिया है

(1697) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai In Hindi By Famous Poet Imran Aami. Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai is written by Imran Aami. Complete Poem Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai in Hindi by Imran Aami. Download free Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai Poem for Youth in PDF. Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Tujhse Ek Hath Kya Mila Liya Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.