इम्दाद हमदानी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इम्दाद हमदानी
नाम | इम्दाद हमदानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Imdad Hamdani |
मुसालहत का पढ़ा है जब से निसाब मैं ने
ख़िज़ाँ का ज़हर सारे शहर की रग रग में उतरा है
किसी के वास्ते क्या क्या हमें दुख झेलने होंगे
जो नर्म लहजे में बात करना सिखा गया है