Sharab Poetry of Imam Bakhsh Nasikh

Sharab Poetry of Imam Bakhsh Nasikh
नामइमाम बख़्श नासिख़
अंग्रेज़ी नामImam Bakhsh Nasikh
जन्म की तारीख1772
मौत की तिथि1838
जन्म स्थानLucknow

हम मय-कशों को डर नहीं मरने का मोहतसिब

वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ

तू ने महजूर कर दिया हम को

रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं

कौन सा तन है कि मिस्ल-ए-रूह इस में तू नहीं

हैं अश्क मिरी आँखों में क़ुल्ज़ुम से ज़्यादा

है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की

है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का

चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं

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