Sharab Poetry of Imam Bakhsh Nasikh
नाम | इमाम बख़्श नासिख़ |
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अंग्रेज़ी नाम | Imam Bakhsh Nasikh |
जन्म की तारीख | 1772 |
मौत की तिथि | 1838 |
जन्म स्थान | Lucknow |
कविताएं
Ghazal 17
Couplets 31
Love 21
Sad 11
Heart Broken 16
Bewafa 3
Hope 9
Friendship 10
Islamic 5
देशभक्तिपूर्ण 1
बारिश 1
ख्वाब 8
Sharab 9
हम मय-कशों को डर नहीं मरने का मोहतसिब
वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ
तू ने महजूर कर दिया हम को
रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं
कौन सा तन है कि मिस्ल-ए-रूह इस में तू नहीं
हैं अश्क मिरी आँखों में क़ुल्ज़ुम से ज़्यादा
है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की
है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का
चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं