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Imam Bakhsh Nasikh Love In Hindi - Best Love Of Imam Bakhsh Nasikh Poetry Collection In Hindi - Darsaal

Love Poetry of Imam Bakhsh Nasikh

Love Poetry of Imam Bakhsh Nasikh
नामइमाम बख़्श नासिख़
अंग्रेज़ी नामImam Bakhsh Nasikh
जन्म की तारीख1772
मौत की तिथि1838
जन्म स्थानLucknow

ज़िंदगी ज़िंदा-दिली का है नाम

तकल्लुम ही फ़क़त है उस सनम का

ख़्वाब ही में नज़र आ जाए शब-ए-हिज्र कहीं

जिस्म ऐसा घुल गया है मुझ मरीज़-ए-इश्क़ का

हो गया ज़र्द पड़ी जिस पे हसीनों की नज़र

दिल सियह है बाल हैं सब अपने पीरी में सफ़ेद

दरिया-ए-हुस्न और भी दो हाथ बढ़ गया

ऐन दानाई है 'नासिख़' इश्क़ में दीवानगी

वो बेज़ार मुझ से हुआ ज़ार मैं हूँ

सौ क़िस्सों से बेहतर है कहानी मिरे दिल की

सनम कूचा तिरा है और मैं हूँ

रिफ़अत कभी किसी की गवारा यहाँ नहीं

मिरा सीना है मशरिक़ आफ़्ताब-ए-दाग़-ए-हिज्राँ का

कौन सा तन है कि मिस्ल-ए-रूह इस में तू नहीं

जान हम तुझ पे दिया करते हैं

हैं अश्क मिरी आँखों में क़ुल्ज़ुम से ज़्यादा

है मोहब्बत सब को उस के अबरू-ए-ख़मदार की

है दिल-ए-सोज़ाँ में तूर उस की तजल्ली-गाह का

दिल में पोशीदा तप-ए-इश्क़-ए-बुताँ रखते हैं

चैन दुनिया में ज़मीं से ता-फ़लक दम भर नहीं

आ गया जब से नज़र वो शोख़ हरजाई मुझे

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